'टोक्यो बेकरी' का आइडिया जितना अनोखा है, व्यवसाय शुरू करने के पीछे की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है| १९९३ में राहुल ने अपनी पढ़ाई पूरी करके आईटी में नौकरी करना शुरू किया| तीन साल बाद, वे नौकरी करने के लिए अपने परिवार के साथ जापान गए| दस साल तक जापान में एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करने के बाद वे 'अब बहुत हुआ जापान' कहकर भारत लौट आये| यहां आईटी कंपनियों में नौकरी तलाशनी शुरू की| उसी समय पूरी दुनिया में मंदी फैली हुई थी| कई कंपनियां कर्मचारियों में कटौती कर रही थीं| भारत में नौकरी पाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा| यहां नौकरियों की असुरक्षा को देखते हुए वे फिर से जापान चले गये|
जापान वापस जाने के बाद राहुल को एक अस्थायी नौकरी मिली| लेकिन वे एक बेहतर नौकरी की तलाश में थे| इसी बीच उनकी मुलाकात एक बुज़ुर्ग कलाकार नाकानो सोहो से हुई| राहुल सुबह नौकरी करते थे और शाम को उनके पास चित्रकारी सीखने आते थे| धीरे-धीरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध स्थापित हो गए| एक बार उन्होंने राहुल से अनुरोध किया, 'मुझे भारत घुमाओ'| उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हुए, राहुल उनके और उनके दोस्तों के साथ भारत की यात्रा पर गए और उन्हें यहां कुछ अच्छी जगहें दिखाईं|
जापानी दादी ने भारत में बेकरी खोलने की सलाह दी; जापान में बेकरी की ट्रेनिंग ली
सोहो को पता था कि राहुल जापान में अच्छी नौकरी की तलाश में है| उन्होंने एक बार राहुल से कहा, “भारत में मैंने कई जगहों पर सैंडविच खाये, लेकिन उनकी ब्रेड किसी भी जगह अच्छी नहीं थी| यहां की ब्रेड देखो, कितनी अच्छी होती है! इसलिए नौकरी करने के बजाय तुम भारत वापस जाओ और जापानी बेकरी शुरू करो| कुछ ऐसा करो कि इतिहास में नाम दर्ज हो जाए|” वे इतना ही कहकर नहीं रुकीं| वे राहुल को एक अनुभवी प्रोफेशनल बेकर के पास ले गयीं| राहुल ने वहां बेकरी उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग ली|
इसके बाद राहुल अपने परिवार के साथ भारत लौट आये| उन्होंने पहले घर पर ब्रेड बनाने की प्रैक्टिस की| कई महीने बीत गए लेकिन वे जापान की तरह ब्रेड बनाने में असफल रहे| राहुल फिर टोक्यो गए| यह जांचने के लिए कि जापानी ब्रेड के लिए यहां का मैदा और पानी सूटेबल हैं या नहीं, वे दोनों सामग्रियां अपने साथ ले गए| लेकिन वहां जाने के बाद बेकर ने यहां का मैदा और पानी इस्तेमाल करके बहुत बढ़िया ब्रेड बनाई| समस्या ओवन और मिक्सिंग की थी| लेकिन भारत जाने के बाद दोबारा असफल प्रयास से बचने के लिए राहुल ने एक साल के लिए जापान में ही
रहकर बेकरी में नौकरी करके सीखने का फैसला किया| एक साल तक नौकरी करने के बाद, सब कुछ सीखकर राहुल २०१६ में पुणे लौट आए| उन्होंने घर पर ही अलग-अलग तरह की ब्रेड्स बनाना शुरू किया| कुछ समय बाद घर से ही बिक्री भी शुरू हो गई| अरुंधति ने भी ब्रेड्स बनाना सीख लिया| ब्रेड बनाते समय वे यह सुनिश्चित करते थे कि हर प्रयास के साथ वे अपनी ब्रेड में सुधार करें| तभी राहुल के पास उस बेकर का फोन आया जिससे उन्होंने ट्रेनिंग ली थी| उन्होंने कहा कि वे टीवी चैनल के लिए एक शो करना चाहते हैं जहां वे एक विदेशी को जापानी बेकरी प्रोडक्ट बनाना सिखा रहे हैं| तो उन्होंने पूछा कि क्या वे जापान आएंगे? लेकिन राहुल ने उन्हें ही भारत बुला लिया| इसके पीछे राहुल का आइडिया ६० से ७० लोगों को इस शो में बुलाने का था| और अगर आमंत्रित लोगों को ये ब्रेड्स पसंद आती हैं, तो वे अपना व्यवसाय शुरू करेंगे| शो सक्सेसफुल रहा| उपस्थित लोगों को सभी प्रकार की जापानी ब्रेड्स बहुत पसंद आईं|
जापान में बेकरी में नौकरी करके कमाए गए पैसों से उन्होंने भूगांव में 'टोक्यो बेकरी' शुरू की
करीब एक साल बाद राहुल को सोहो का फोन आया| वे बोलीं, “तुम्हें सीखे हुए कितने दिन हो गए! अभी तक बेकरी शुरू क्यों नहीं की? मैं और मेरे सहकर्मी कुछ महीनों में भारत आ रहे हैं| तब तक अपनी बेकरी शुरू करो| मेरी आँखें बंद होने के पहले मैं तुम्हारी बेकरी देखना चाहती हूँ|” सोहो की भावनात्मक बातें इतनी प्रभावशाली साबित हुईं कि राहुल वास्तव में बेकरी खोलने की तैयारी में लग गए| उन्होंने पुणे के भूगांव में एक दुकान किराए पर लेकर बेकरी शुरू की| दादी और उनके दोस्तों की उपस्थिति में 'टोक्यो बेकरी' की ग्रैंड ओपनिंग हुई| राहुल ने जापान में एक साल तक बेकरी में नौकरी करके कमाए गए पैसों को ही पूंजी के रूप में इस्तेमाल किया|
जब पुणे मुंबई के जापानी नागरिक बेकरी में आने लगे तो स्थानीय मीडिया ने नोटिस किया
शुरुआत के दो-तीन महीने तक बेकरी को ज़्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिला| लेकिन एक जापानी मैगज़ीन की नज़र राहुल की कोशिशों पर पड़ गई| उसके बाद पुणे मुंबई में रहने वाले जापानी नागरिक ब्रेड खरीदने के लिए टोक्यो बेकरी आने लगे| फिर स्थानीय मीडिया ने नोटिस किया| टोकिया बेकरी का कारोबार और भी बढ़ गया| करी ब्रेड, कस्टर्ड ब्रेड, स्लाइस ब्रेड, सिनेमन ब्रेड, आदि खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आने लगे| जगह अपर्याप्त होने पर राहुल ने बाणेर में ६०० वर्ग फुट की एक दुकान किराए पर ली| तब से दस गुना ज़्यादा ब्रेड बिकने लगी| टोक्यो बेकरी में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी|
बेकरी का आधा राजस्व ब्रेड से और आधा पेस्ट्री से आता है
लॉकडाउन में भी टोक्यो बेकरी का कारोबार कम नहीं हुआ| बल्कि उल्टा और बढ़ गया| राहुल का छोटा बेटा पार्थ भी शौक से इस व्यवसाय में आ गया| उसे पेस्ट्रीज़ और चीज़ केक्स में रुचि थी| पार्थ ने भी जापान में चार महीने काम करके सीखा| उसके बाद, टोक्यो बेकरी के पेस्ट्रीज़ सेक्शन का व्यवसाय सफल हो गया| अब बेकरी का आधा राजस्व ब्रेड से और आधा पेस्ट्रीज़ से आता है| राहुल के बड़े बेटे आदित्य ने अमेरिका में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और दो साल तक वहीं नौकरी की| लेकिन अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उसने भी अपनी नौकरी छोड़ दी और टोकिया बेकरी का व्यवसाय चलाने के लिए अपने वतन लौट आया|
राहुल कहते हैं, टोक्यो बेकरी की सफलता का राज़ है अपने बेकरी उत्पादों में रोज़ इम्प्रूवमेंट करना| वे आगे कहते हैं, "शुरुआत में मैंने इस बारे में ज़्यादा नहीं सोचा या स्ट्रेस नहीं लिया कि कोई बिक्री होगी या नहीं, घर चलेगा या नहीं, महीने में कितनी आमदनी होगी|”
टोक्यो बेकरी: यह एक 'लाइव बेकरी' है; हर तीन से चार घंटे में ब्रेड बनाई जाती है
यह पूछने पर कि उनकी बेकरी को क्या विशिष्ट बनाता है राहुल ने कहा, “कई बेकरियों में अंदर जाने पर आपको डार्क किचेंस दिखाई देंगे| अक्सर आपको तो यह भी नहीं पता होता कि उनके किचेन्स कहां हैं| कई जगहों पर हाइजीन स्टैंडर्ड मेन्टेन नहीं किये जाते| बहुत सारे केमिकल्स और प्रिज़र्वेटिव्स का उपयोग किया जाता है| लेकिन टोक्यो बेकरी एक 'लाइव बेकरी' है| हम आपके सामने ही बनाते हैं और उन्हें काउंटर पर बेचते हैं| हर तीन से चार घंटे में ब्रेड बनाते हैं| इसलिए प्रिज़र्वेटिव या केमिकल्स इस्तेमाल करने का प्रश्न ही नहीं उठता| हमारे नाम में 'फ्रेश' नहीं है, लेकिन वास्तव में हम फ्रेश बेकरी प्रोडक्ट्स देते हैं|”
राहुल अपने व्यवसाय को और बढ़ाना चाहते हैं| उनका सपना ढाई से तीन हज़ार वर्ग फीट में एक बड़ा 'बेकरी कैफे' शुरू करने का है| टोक्यो बेकरी बहुत पुरानी न होते हुए भी यूनीक है| पुणे में जापानी बेकरी शुरू करने का सारा श्रेय राहुल और उनके परिवार को है!
deAsra फाउंडेशन होटल व्यवसाय के लिए आवश्यक लायसन्स और रजिस्ट्रेशन कराने में सहायता करता है| आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं| अधिक जानकारी के लिए आप deAsra से Whatsapp नंबर 93730 35540 पर संपर्क कर सकते हैं|
Notice: This site uses cookies to provide necessary website functionality, improve your experience and analyze our traffic. By using our website, you agree to our legal policies.