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घूमने का शौक बदल गया व्यवसाय में!

हर शनिवार, रविवार और थोड़ी लम्बी छुट्टी मिलने पर खुली प्रकृति में घूमना पसंद करने वाली मनीषा देशपांडे ने अपने इसी शौक को व्यवसाय में बदल दिया| एक ही समय में जर्मन भाषा और कंप्यूटर दोनों सिखाने वाली मनीषा का मन दूर पहाड़ों, घाटियों और समुद्र तटों में रहता था| उनके साथ उनकी दो सहेलियां वेत्रावती यवलेकर और मंदिरा जोशी भी घूमने में शामिल होती थीं| ऐसी ही एक यात्रा के दौरान इन सहेलियों के मन में आया कि हमें इस सैर से जो आनंद मिलता है, वही आनंद हमें और भी महिलाओं को देना चाहिए| बहुत सी महिलाएं सिर्फ डर के कारण घर से बाहर नहीं निकलती हैं| वे छोटे-छोटे ट्रेक आसानी से कर सकती हैं| हम ही उन्हें ले जाएं तो? यह विचार मन में आया और Woods to coast outdoors का जन्म हुआ|

शुरुआत में, पहले ट्रेक के लिए, मनीषा ने अपनी चार सहेलियों के साथ अपनी कार में यात्रा की| इससे मनीषा का भी आत्मविश्वास बढ़ा और उन सहेलियों ने अपनी कुछ और सहेलियों को ट्रेक के अनुभव के बारे में बताया| इससे धीरे-धीरे ट्रेक पर आने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी| अब मनीषा एक बड़ी गाड़ी लेकर ट्रेक पर जाने लगीं हैं| एक गाड़ी की दो गाड़ियां, छोटी गाड़ियों की जगह एक बड़ी बस, इस तरह सफर करते हुए उनका व्यवसाय बढ़ने लगा|

जंगल से लेकर समुंद्र तक की सैर यानी Woods to coast outdoors
अपनी ज़िम्मेदारी पर इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को ट्रेक पर ले जाने के लिए खुद की फिटनेस बहुत महत्वपूर्ण है| क्योंकि इन तीनों को एक ट्रेक के तुरंत बाद अगले ट्रेक की तैयारी शुरू करनी होती है| और यही कारण है कि उनकी फिटनेस बहुत अहम होती है| इनमें मंदिरा एक योगा टीचर हैं जबकि वेत्रा एक एथलीट हैं| ये सभी लोग प्रतिदिन जिम, जॉगिंग और योगाभ्यास करते हैं| ट्रेक के दौरान किसी को चोट लगने पर या स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर इन सभी को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण प्राप्त है|

मूलतः, ट्रैकिंग आसान बात नहीं है| उसमें सिर्फ महिलाओं के लिए ट्रेक का नेतृत्व करना ज़्यादा ज़िम्मेदारी वाला काम है| हर कदम पर उचित योजना की आवश्यकता होती है| कोई भी नया ट्रेक शुरू करने से पहले मनीषा पहले खुद ही ट्रेक पूरा करती हैं, वहां की सारी जानकारी लेती हैं, स्थानीय लोगों से जान-पहचान बनाती हैं और पूरे ट्रेक के दौरान इन लोगों की मदद लेती हैं| ट्रेक के दौरान कोई समस्या होने पर लोकल गाइड के मार्गदर्शन से रास्ता ढूंढना आसान होता है|
Woods to coast outdoors की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें दस लोगों की टीम के साथ एक ट्रेक लीडर होता है| सर्टिफाइड माउंटेनियरिंग कोर्स पूरा कर चुके विशेषज्ञ अनुभवी पर्वतारोही हमेशा उनके ग्रुप के साथ रहते हैं| तो कोई भी बिना झिझक मनीषा के साथ ट्रेक पर जा सकता है| किसी बैच के लिए नामांकन करने के लिए, आपको गूगल फॉर्म भरकर अपनी सभी विस्तृत जानकारी, संपर्क फोन नंबर्स, दवाएं, यदि कोई बीमारी है तो उसके बारे में पूरी जानकारी भरकर देनी होती है|

अब तक मनीषा कात्रज से सिंहगढ़, तिकोना, रायरेश्वर, हरिश्चंद्रगढ़, राजगढ़, रायगढ़, कलसुबाई शिखर, सोंडाई, संधन दरी, जीवधन, तुंग, दूधसागर, अंधारबन, हिमालय बेस कैंप जैसी कई जगहों पर ट्रेक का आयोजन कर चुकी हैं| इनमें अंधारबन, देवकुंड, हरिश्चंद्रगढ़ जैसे किले वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, वहां के कार्यालय में ट्रेकर्स/बसों का पंजीकरण किया जाता है|

ट्रेक विभिन्न स्तरों पर आयोजित किए जाते हैं, जैसे शुरुआती लोगों के लिए आसान ट्रेक, नए ट्रेकर्स के लिए आसान से मध्यम ट्रेक और साथ ही कठिन ट्रेक| इसलिए कोई भी व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ट्रेक कर सकता है| हिमालय बेस कैंप के लिए ट्रेक से पहले चार/पांच महीने की तैयारी की आवश्यकता होती है, इसके लिए मार्गदर्शन की व्यवस्था भी की जाती है| लिंगाणा जैसा किला जहां ज़्यादा रिस्क है या रैपलिंग जैसी साहसी गतिविधि में ट्रेकर्स को बीमा कराना पड़ता है|

मनीषा २०२० से अब तक अलग-अलग उम्र की महिलाओं के साथ सौ ट्रेक्स कर चुकी हैं| मनीषा के साथ १५ साल से लेकर ७० साल तक की महिलाएं भी ट्रेक पूरा कर चुकी हैं| यह जानने के बाद कि ट्रेक का आयोजन एक महिला द्वारा किया जाता है, ट्रेक पर जाने वाली एकल महिलाओं की संख्या ज़्यादा है| ऐसी महिलाएं ट्रेक पर काफी सहजता से आती हैं| इसके अलावा, ४० वर्ष से अधिक उम्र की कई महिलाएं भी, जो पहली बार ट्रेकर्स हैं, मनीषा के साथ ट्रेक पर जाती हैं|

स्थानीय लोगों को मिलता है रोज़गार
ट्रेक पर सभी के लिए एक खास चीज़ होती है स्थानीय गरमागरम भोजन! यह Woods to coast outdoors की ओर से सभी ट्रेकर्स के लिए एक स्पेशल ट्रीट होती है| ट्रेकिंग के लिए आने वाले ट्रेकर्स की वजह से वहां के लोगों को रोज़गार मिलता है| वहां के लोगों के साथ मनीषा ने इतने अच्छे संबंध जोड़ लिए हैं कि वे भी ट्रेकर्स की यात्रा के लिए उत्सुक रहते हैं| महिलाएं और खरीदारी साथ-साथ चलती हैं| जहां भी ट्रेक पर जाते हैं, महिलाएं स्थानीय सामान खरीदती हैं| हिमालयी ट्रेक पर स्थानीय महिलाओं द्वारा हथकरघे पर बुने गए शॉल, स्वेटर, मफलर, दस्तानों के स्टॉल लगाए जाते हैं| सारा सामान बिक जाता है, वहां की महिलाओं को बहुत फायदा होता है|

हाल ही में, Woods to coast outdoors कंपनी ने १८ जून को अपना १००वां ट्रेक सिंहगढ़ किले पर चढ़ाई करके पूरा किया, यह खास ट्रेक सभी के लिए खुला था|
किसी भी व्यवसाय का उद्देश्य लाभ कमाना होता है| ट्रेकर्स को ज़्यादा से ज़्यादा सुविधाएं प्रदान करते समय व्यवसाय के इस बुनियादी गणित को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाता है| हालांकि यह सच है कि अपने शौक को व्यवसाय में बदलने की खुशी अद्वितीय है| व्यवसाय करते समय वे सामाजिक ज़िम्मेदारी को नहीं भूलते| किलों के आसपास के छोटे-छोटे इलाकों में अत्यधिक गरीबी देखने को मिलती है| उनके ट्रेकर्स का समूह हमेशा वहां के लोगों को कपड़े, बच्चों के लिए कपड़े, स्कूल की सामग्री, नोटबुक, किताबें और स्कूल को डोनेशन देता रहता है|

Woods to coast के आठ व्हाट्सएप ग्रुप हैं| इन्हें जॉइन करने पर आप मनीषा के साथ कम से कम एक ट्रेक तो ज़रूर करेंगे! ट्रेक तय होने पर उसकी जानकारी ग्रुप पर डाली जाती है और स्पॉट तुरंत भर जाते हैं| यदि आप मनीषा के साथ ऐसी अनोखी यात्रा के लिए तैयार हैं, तो लिंक नीचे दिया गया है| अगर आप एक दिन का ट्रेक करना चाहते हैं तो फीस पंद्रह सौ रुपये से शुरू होती है| इसमें यात्रा, खाना, ट्रेक के स्थान पर कुछ अन्य वाहन उपलब्ध कराना शामिल है|

प्रकृति में घूमते समय हमारी शारीरिक क्षमताओं को आज़माया जाता है| साथ ही, ट्रेक हमें अपनी चिंताओं को भूलने, नए लोगों से मिलने और दोस्त बनाने, एक मज़ेदार दिन बिताने, एक दूसरे के सुख-दुःख बांटने और इस तरह तनाव दूर करने में मदद कर सकता है| ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें इससे फायदा हुआ है, इसलिए ट्रेक के बाद ऐसी नई परिचित सहेलियों का एक अलग व्हाट्सएप ग्रुप ज़रूर बनता है|

अगर आप अपनी शारीरिक क्षमता के साथ-साथ मानसिक स्थिरता भी बढ़ाना चाहते हैं तो ट्रेकिंग एक बेहतरीन उपाय है| मनीषा के सही मार्गदर्शन में अब कई महिलाओं में ट्रेकिंग का शौक जाग गया है| इसके साथ ही उनकी फिटनेस और आत्मविश्वास भी बढ़ा है|
मनीषा देशपांडे - संपर्क नंबर - 9370741652

व्यवसाय की योजना बनाते समय, यह जांचना महत्वपूर्ण है कि आपका बिज़नेस आईडिया वास्तव में व्यवहार्य है या नहीं| इसके लिए deAsra फाउंडेशन की IDEA VALIDATION सर्विस भी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है| अधिक जानकारी के लिए आप deAsra से Whatsapp नंबर 93730 35540 पर संपर्क कर सकते हैं|

भाग्यश्री चौथाई
bac100372@gmail.com